बुधवार, 27 दिसंबर 2017

Md samshad Raza phone



दिमाग खामोश है। 
दिल तन्हा है।  
वक्त को परवा नहीं ।
और मै लापरवह हूं ।


बे खुदी। कि जिंदगी ।जिया नहीं करते। 
जाम दूसरी का छीन।  पिया नहीं करते ।
अगर उनको मुहब्बत है तो ।
आकर इजहार करे वर्ना पीछा हम भी किसी। 
काकिया नहीं करते। 

मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

गरीबों की औकात ना पूछो...

गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है, इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है, चेहरे कई बेनकाब हो जायेंगे, ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है। खिलौना समझ कर खेलते जो रिश्तों से, उनके निजी जज्बात ना पूछो तो अच्छा है, बाढ़ के पानी में बह गए छप्पर जिनके, कैसे गुजारी रात ना पूछो तो अच्छा है। भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें, उनके तो हालात ना पूछो तो अच्छा है, मज़बूरी में जिनकी लाज लगी दांव पर, क्या लाई सौगात ना पूछो तो अच्छा है। गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है, इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है