बुधवार, 27 दिसंबर 2017

Md samshad Raza phone



दिमाग खामोश है। 
दिल तन्हा है।  
वक्त को परवा नहीं ।
और मै लापरवह हूं ।


बे खुदी। कि जिंदगी ।जिया नहीं करते। 
जाम दूसरी का छीन।  पिया नहीं करते ।
अगर उनको मुहब्बत है तो ।
आकर इजहार करे वर्ना पीछा हम भी किसी। 
काकिया नहीं करते। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें