बुधवार, 17 जनवरी 2018





 दिल के लिये हयात का पैगाम बन गईं

बैचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गईं ***
 ज़रूरी तो नहीं जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो। क्योकि…
सच्ची मोहब्बत अक्सर दिल तोड़ने वालो से ही होती है….!!
 *** दिल टूटा है सम्भलने में कुछ वक्त तो लगेगा,
 हर चीज़ इश्क़ तो नहीं कि एक पल में हो जाये।
 *** गलत सुना था कि, इश्क आँखों से होता है.
 दिल तो वो भी ले जाते है, जो पलकें तक नही उठाते.!
 *** आज भी एक सवाल छिपा है, दिल के किसी कोने में…….
क्या कमी रह गई थी, तेरा होने में….?
 *** मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…!
 पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी ।।
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे …
 बात तो जरा सी थी, पर दिल ने बुरा मान लिया …
 *** आज फिर दिल ने इक तमन्ना की, आज फिर दिल को हमने समझाया…
 *** “” इस दिल को अगर तेरा एहसास नही होता …
. तू दूर भी रहकर यूं दिल के पास नही होता ….
 इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है ….
इक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नही होता ..
 *** टूटा तारा देख कर दिल ने कहा मांग ले तू फ़रियाद कोई,
 मैंने कहा जो खुद टूट रहा है, कैसे पूरी करेगा वो मुराद कोई..टूटा तारा देख
 *** मैने सो बार कहा दिल से कि भूल जाओ उसे.. दिल ने सो बार कहा कि तु दिल से नही कहता …!!! *** (Dil Shayari दिल शायरी) जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया, जलवों ने मचलना छोड़ दिया पोशाक बहारों ने बदली, फूलों ने महकना छोड़ दिया
 *** ख्वाब दिल ने तुझे पाने के देख लिये…..
 वरना खुशमिजाज हुआ करते थे, हम भी कभी
 *** दिल ने सोचा था उसे टूट कर चाहेंगे, सच में चाहा भी बहुत टूटे भी बहुत. 
*** (Dil Shayari दिल शायरी) गुजरा फिर यादों का झोंका , दिल ने फिर साँसों को रोका….
 *** तेरे लिए इस दिल ने कभी बुरा नही चाहा । हां…….
यह और बात है कि ……………… मुझे साबित करना नही आया।
 *** “दिल ने एक उम्मीद बरकरार रखी है….ऐ दोस्तों….,
 कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत लौटकर आती है…!!
 *** दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख़्वाहिश रखी है, फुरसत मिले तो ख्वाब में आ जाना…
 *** आज किसी ने बातों बातों में, जब उन का नाम लिया दिल ने जैसे ठोकर खाई, दर्द ने बढ़कर थाम लिया *** (Dil Shayari दिल शायरी) नहीं में इक़रार महबूब के दिल ने पाया। उसके नहीं से करार दिल को आया।।
एक नहीं ने मंजिले मोहब्बत को आसाँ बनाया। नहीं ने दिल की सोई हुई उमंगो को फिर से जगाया।।
 *** टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी, मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी, न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से, के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी
 *** मैंने कहा वो अजनबी है । दिल ने कहा ये दिल की लगी है ।। मैंने कहा वो सपना है । दिल ने कहा फिर भी अपना है ।। मैंने कहा वो दो पल की मुलाकात है । दिल ने कहा ये सदियों का साथ है ।। मैंने कहा वो मेरी भूल है । दिल ने कहा फिर भी कबूल है ।। मैंने कहा वो मेरी हार है । दिल ने कहा यही तो प्यार है ।।
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) दिल ने ना जाने कब ….
दर्द से , दोस्ती कर ली … हम तो बस …………….
खामोश निगाहो से …. ज़िंदगी के कहकहे देखते रहे ….
 *** अभी तक मौजूद हैं इस दिल पर तेरे कदमों के निशान, हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया… *** क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना, ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना |
 *** मेरी चाहत देखनी है तो मेरे दिल पर अपना दिल रखकर देख
….. तेरी धडकने न बड़ जाये तो मेरी महोब्बत ठुकरा देना
 *** एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयी वो नज़र जो मुझे देखती रह गयी रंग सारे ही कोई चुरा ले गया मेरी तस्वीर अधूरी पड़ी रह गयी …
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) धडकनो को भी रास्ता दे दीजिए जनाब
* * * * *आप तो सारे दिल पर कब्जा किए बैठे है ***
 मेरे दिल पर जितने तीर अपनों के लगते जायेगे !! मेरी कलम में अश्क उतने ही भरते जायेगे !! उतारूँगा जिस दिन इन अश्को को कोरे कागज पर !! कशम उस खुदा की यारो मेरे दुश्मन भी मुझे पाने की चाहत में !! तड़प-तड़प कर मर जायेगे !! *** 
दिल पर हम बेवज़ह इल्ज़ाम लगाते हैं , धोखा तो अक्सर धड़कन दिया करती है I
 *** तेरी आँखों में हमे जाने क्या नज़र आया! तेरी यादों का दिल पर सरुर है छाया!
 *** पत्थर तो बहुत मारे थे लोगो ने मुझे,,,लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा था,,,
 *** और तो कौन है जो मुझ को तसल्ली देता हाथ रख देती हैं दिल पर तेरी बातें अक्सर
 *** दिल पर भी आओ एक नज़र डालते चलें.. शायद छुपे हुए हों यहीं दिन बहार के
 *** कुछ नशा तो आपकी बात का है कुछ नशा तो आधी रात का है हमे आप यूँ ही शराबी ना कहिये इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर, प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना……..
 *** दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है
 *** ना जाने वो कौनसी बात थी जो ज़हन में आती रही समझा नहीं कुछ दिल पर दिनभर मुझे रुलाती रही
*** वो फैसले कर लेते है .. और हम मजबूर है यह जिंदगी ना सही दिल पर हुक्म तो उनका है .
 *** दिमाग पर ज़ोर देकर गिनते हो गलतियां मेरी….. कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कि कसूर किसका है…..!!!!! *** तेरे आशियाने में मेरा नाम न था, पर मेरे दिल पर सिर्फ़ तेरा ही नाम था ।
 *** तमन्ना हो अगर मिलने की ,, तो हाथ रखो दिल पर … हम धड़कनों में मिल जायेंगे
 *** ना हम रहे दिल लगाने के काबिल ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) वार दिल पर जालीम बे-हिसाब करती है, वोह बिखरा कर जुल्फें, हिजाब करती है
 *** कुछ ख्वाब सुहाने टूट गए, कुछ यार पुराने रूठ गए., कुछ जख्म लगे थे इस दिल पर., कुछ अंदर से हम टूट गए,
 *** चंद चेहरे लगेंगे अपने से , खुद को पर बेक़रार मत करना , आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर? हम न कहते थे प्यार मत करना…
” *** मेरे दिल में ज़्यादा देर तक रुकता नहीं कोई, लोग कहते हैं मेरे दिल पर साया है तेरा…
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) इश्क़ करना है तो फिर हद से गुज़ारना होगा… लहू लहू हो जाए दिल पर आँख न भरने पाए
 *** दिल पर जो यादगार रहे उस के मक्र की ऐसा भी कोई नक़्श बना लेना चाहिए
 *** उनकी दिल्लगी तो देखो…हमारे दिल पर भारी है… वो तो चल दिए हंसकर, यहाँ बरसात जारी है…!!!
 *** (Dil Shayari दिल शायरी) नज़रों से ना देखो हमें.. तुम में हम छुप जायेंगे.. अपने दिल पर हाथ रखो तुम.. हम वही तुम्हें मिल जायेंगे..!
 *** ठान लिया था कि अब और इश्क पर नहीं लिखेंगे.. पर उनका दिल पर दस्तक हुई और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे…. ***

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