md samshad raza
शनिवार, 28 जुलाई 2018
Dukhi sayari in hind
यूँ ही अपने इमोशन को अस्क में तब्दील न कर
बसे है जो सपने तेरी अपनी आँखों में उसे चकनाचूर न कर.
दिमाग खलबली न रख और दिल को मगरूर न कर.
यूँ ही मुझे खुद से बिछड़ जाने पर मजबूर न कर
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